Saturday, 13 February 2016

मेरा नाम मोउमिता है और मै एक 33 साल की लड़की हु और अपने परिवार से काफी दूर एक शहर मे नौकरी करती हु | मेरा सारा दिन ऑफिस मे निकल जाता है और रात मे, मै बिलकुल तन्हा और अकेला महसूस करती हु | इस तन्हाई को दूर करनके के लिए मै सारी रात इन्टरनेट पर रहती हु और चेटिंग करती हु | मुझे कैमरे पर लड़के के लंड और नंगे बदन देखने मे मज़ा आता है | मैने कुछ समय पहले तक कोई रिस्क नहीं लिया था | मैने अपना अकाउंट  गलत नाम से बनाया था और सारी जानकारी गलत थी | एक दिन अचानक एक अडल्ट वेबसाईट मेरे लैपटॉप पर खुल गयी और मैने उसपर अपना फ्री अकाउंट बना लिया | मुझे विश्वास नहीं हो रहा था, कि दुनिया के अन्दर मेरे जैसे हजारो लोग है, जो तन्हा है और अकेले है और मेरी ही तरह कुछ अच्छे दोस्तों को ढूंढते है | लड़की होने का फायदा ये है, कि आप को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पढ़ती और लोग आपके पास खुद-बा-खुद खिचे चले आते है, लेकिन एक लड़की को सब कुछ देखना पड़ता है, कहीं किसी गलत आदमी से ना टकरा जाये |मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ | जब मैने पहली बार वेबसाईट देखी थी , तो मुझे अपने लिए कुछ खास नहीं लगा और मैने ये विचार छोड़ दिया, लेकिन फिर सोचा कि एक बार देख लेने मे क्या हर्ज़ है? और जब मैने अकाउंट बनाया, तो मै लोगो की मेल देखकर पागल हो गयी | देश-विदेश के काफी लोग मुझे देखे बिना ही और सिर्फ मेरा प्रोफाइल पढ़ कर ही मुझे से दोस्ती करना चाहते थे | मुझे कुछ समझ नहीं रहा था; फिर मैने अपने शहर से कुछ ही दूर दुसरे शहर के लड़के की मेल का जवाब दिया और हम दोनों की बातो का सिलसिला चल पड़ा | शुरू मे तो, सब कुछ उल्टा-पुल्टा था | नाम भी गलत, शहर भी गलत, काम भी गलत | लेकिन, जब काफी बातें हो गयी और मुझे उस लड़के पर भरोसा होने लगा, तो मैने उसको अपना सही नाम, काम और शहर बताया | मुझे उस पर इसलिए भरोसा हुआ, क्योकि उसने मुझे अपनी शादी के बारे मे सच बताया | वरना, इस वेबसाईट अगर ५० साल का बुड्डा भी होगा, तो वो अपने आप को शादीशुदा नहीं बताएगा | उस लड़के का नाम सूरज था और काफी अच्छा उसका परिवार था और वो अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता था | कोई कमी नहीं थी, उसकी बीवी मे; उसने मुझे उसकी फोटो दिखाई थी बहुत सुंदर और मस्त थी, बस उसके काम को नहीं समझती थी | उसको प्यार करनके बावजूद सूरज अकेला था और बाहर एक दोस्त की तलाश कर रहा था |जब दोनों की बातचीत शुरू हुई तो हम दोनों के दिल आपस मे जुड़ गये और मुझे और सूरज को अपनी स्थिति एक सी लगने लगी | हम के बातें, काम करने का तरीका, सोचने की क्षमता करीब-करीब एक सी थी | धीरे-धीरे ये रिश्ता और गहरा होता गया और हम अब चैट से बढकर फ़ोन पर बातें करने लगे और फ़ोन पर बातो के साथ-साथ सेक्स भी शुरू हो गया | और फिर हम हर एक-दो दिन मे फ़ोन सेक्स करने लगे | मुझे उसके के साथ तृप्ति मिलनी शुरू हो गयी और वो मुझे सबसे अजीज लगने लगा | एक दिन उसका मेरे शहर मे आने का प्रोग्राम बना और उसके होटल की बुकिंग नहीं हो पा रही थी | उसका आना जरुरी था | वो शहर तो गया, लेकिन उसके रुकने का कुछ इंतजाम नहीं था | शाम को उसका फ़ोन आया और उसने मुझे अपने आने के बारे मे बताया | फिर, उसने मुझे झिझकते हुए अपनी समस्या बताई और मैने उसको डाटते हुए बोला, मेरे होते हुए तुम्हे होटल मे रुकने की हिम्मत कैसे हुई ? फिर, मैने सूरज को अपने घर का पता दिया और उसके एक साथी ने उसे मेरे घर छोड़ दिया |मेरा घर ज्यादा बड़ा तो नहीं है, लेकिन मैने उसको सजाने मे बड़ी मेहनत की है | सूरज को भी मेरा घर बड़ा पसंद आया और उसने जमकर मेरे घर की और मेरी तारीफ़ की | मैने उसको रात को अच्छा खाना बनाकर खिलाया और उसके बाद हम काफ्फी लेकर सोफे पर बैठ गये और इधर-उधर की बातें करने लगे | मैने सूरज से पूछा, एक बात बताओ? जितना तुमने मुझे फ़ोन पर बताया है वो सब सच है या सब हवा है? उसने कहा, जैसे? मैने कहा, जैसे की तुम्हरा इंच का लंड | वो मेरा इशारा समझ गया और बोला, बेटे जी, आज की रात आपके सारे अरमान पुरे हो जायेंगे और आपको मेरी सारी बातो का विश्वास हो जायेगा और आप सुबह तक पानी भी नहीं लेंगी | फिर, सूरज मेरे पास गया और मेरे हाथ से काफ्फी लेकर साइड मे रख दी और मेरे मुह हो अपने हाथो मे लेकर मेरे होटो को अपने होटो के पास रख लिया और हम दोनों की गरम साँसे चलने लगी और दिलो की धड़कन तेज़ होने लगी | सूरज मेरे ऊपर हावी होता जा रहा था और उसने अपनों होटो को मेरे होटो से मिला दिए और मस्ती मे चूसने लगा | हम दोनों ही बहुत गरम थे और मस्ती करने के लिए बेताब थे | मैने जल्दी से उसके कपडे उतार दिए और उसका इंच लम्बा लंड अपने हाथ मे ले लिया और उसको चूसने लगी | उसका लंड मेरे मुह नहीं समां रहा था और वो उसको मेरे गले मे उतारने मे तुला था | उसने अपने हाथ मेरे चूचो पर रख दिए और उनको दबाने लगा | उसके हाथो का दबाव इतना मस्त था, कि बिना बच्चा पैदा किये हुए ही उसने मेरे निप्पल मे से दूध निकाल दिया |अब मुझे से नहीं रुका जा रहा | सूरज का फ़ोन बजना शुरू हो गया | उसकी बीवी का फ़ोन रहा था और वो उठा नहीं पा रहा था | उसने एक-दो बार जाने की कोशिश की, तो मैने उसको रोक लिया | मैने उसको लंड को मेरी चूत मे डालने के लिए बोला और उसने अपना लंड मेरे मुह से निकला और मेरी चूत पर लगा कर धक्का मार दिया | उसका लंड मेरी चूत मे घुस गया | उसका लंड इतना लम्बा था, कि पूरी चूत मे पूरा घुसने के बाद भी उसका लंड बाहर रहा गया | मै तो ही झटको मे झड गयी और उसने मुझे चोदना शुरू किया | मेरी चूत मे अब दर्द होना शुरू हो गया था और सूरज झड़ने का नाम नहीं ले रहा था | जब मेरे से दर्द नहीं सहा गया, तो मैने हाथ डालकर सूरज का लंड बाहर निकाल दिया | इतने मे ही, उसका फ़ोन फिर से बज गया और वो फ़ोन लेके चला गया | सूरज का लंड पहली बार और आखिरी बार मेरी चूत मे घुसा था | मैने हाथ से निकलने के चक्कर मे, इतने बड़े लंड को खो दिया था | उसके बाद मैने अनगिनत लंडो से अपने को चुदवाया है, लेकिन सूरज के जैसा मज़ा किसी ने नहीं दिया | मै उसका और उस जैसे लंड का आज भी इंतज़ार कर रही हु | क्या आप का लंड उससे बड़ा है?

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